पहले राष्ट्र की गरिमा संभालते थे और आज पेंट भी नहीं संभाल पा रहे ?
पहले यशोमती, कुंती जैसी माएँ हुआ करती थी जो अपने प्रेम और अपनत्व से ही पुत्रों को निरोगी व कर्मयोगी बना देती थीं | और आज ओपोलो और फोर्टिस जैसे हॉस्पिटल में देख रेख करवाकर और मिनरल वाटर पिलाकर भी ऐसी संताने हो रही हैं, जिनकी कमर भी पेंट का वजन नहीं संभाल पा रहीं |
We are crazily running after the western culture without even realizing that our own history and culture is so rich and valuable.





