क्या ये कलयुग का धर्म हैं?

पहले राष्ट्र की गरिमा संभालते थे और आज पेंट भी नहीं संभाल पा रहे ?

पहले यशोमती, कुंती जैसी माएँ हुआ करती थी जो अपने प्रेम और अपनत्व से ही पुत्रों को निरोगी व कर्मयोगी बना देती थीं | और आज ओपोलो और फोर्टिस जैसे हॉस्पिटल में देख रेख करवाकर और मिनरल वाटर पिलाकर भी ऐसी संताने हो रही हैं, जिनकी कमर भी पेंट का वजन नहीं संभाल पा रहीं | 
We are crazily running after the western culture without even realizing that our own history and culture is so rich and valuable.






Please learn from our own culture instead of just following the western culture blindly....
I Love Bharat. Do you?